विद्यालय शिक्षा के साथ संस्कार का भी करती है सृजन:- प्रचार्य रमेश कुमार सिंह
Kanhachatti News: कान्हाचट्टी प्रखण्ड के पुराने प्रखंड कार्यालय स्थित हनुमान मंदिर के प्रांगण यज्ञ पण्डप सायल बगीचे के समीप रविवार को चतरा में अवस्थित विद्या भारती से संचालित इंदुमती टिबड़ेवाल सरस्वत्ति विद्या मंदिर उच्च विद्यालय ने एक समारोह आयोजित कर माता पिता,दादा-दादी नाना-नानी सम्मान समारोह का कार्यक्रम किया गया।जिसमें कार्यक्रम की शुरुआत में विद्यालय के भैया बहनों ने अपने माता पिता,दादा दादी एवं नाना नानी का पांव पूजन किया गया,उसके बाद बच्चों ने अपने अपने अभिभावकों को पांव पूजन किये और सम्मान अपने अभिभावकों का सम्मान देकर सम्मानित किया।उसके बाद मुख्य अतिथियों ने सामुहिक रूप से द्वीप प्रज्वलित किया।उसके बाद विद्यालय के भैया बहनों ने विद्या की देवी मां सरस्वत्ति की वंदना आराधना की।उसके बाद अतिथियों का परिचय के साथ साथ अतिथियों को अंग वस्त्र देकर उन्हें सम्मानित किया गया।
विद्यालय की छोटी छोटी बच्चियों ने डांस गीत संगीत प्रसूत की।बच्चों की नृत्य ने लोगो को दांतों चना चबाने को मजबूर कर दिए।कार्यक्रम में उपस्थित भैया बहनों के माता पिता,दादा-दादी,नाना-नानी को सम्बोधित करते हुए विद्यालय के प्राचार्य रमेश कुमार सिंह ने कहा कि हमारा विद्यालय जो विद्या भारती विद्यालय है में बच्चों को केवल शिक्षा की गन ही नहीं भरती है बल्कि बच्चों में हम संस्कार भी गढ़ते हैं।बच्चों को संस्कारी भी बनाते हैं।वहीं मुख्य अतिथि राजीव रंजन मालवीय ने कहा कि देश मे गिने चुने विद्यालय में से एक है विद्या भारती से संचालित इंदुमती टिबड़ेवाल सरस्वत्ति विद्या मंदिर जिसने न केवल बच्चों को शिक्षा ग्रहण करवा रही है बल्कि ये संस्थान बच्चों में सर्व गुण से सम्पन्न करवा रहा है।इधर प्रबन्ध कार्यकारिणी समिति के उपाध्यक्ष अधिवक्ता शक्ति कुमार सिंह ने कहा कि कान्हाचट्टी में यह कार्यक्रम इस लिए किया गया कि इस प्रखंड के बच्चों के अभिभावक को इस कार्यक्रम के लिए चतरा न जाना पड़े और इस प्रखंड के दूसरे बच्चे भी इस संस्कार को ग्रहण करें।इधर विशिष्ट अतिथि विनय कुमार सिन्हा ने कहा कि विद्या भारती का गठन उतर प्रदेश के गोरखपुर में किया गया था और गठन का मुख्य उद्देश्य बच्चों में संस्कार भरना था और आज के समय मे पूरे देश मे सैकड़ो इसके शाखाएं हैं और शिक्षा के साथ साथ संस्कार भी दे रही है।इधर अभिभावक प्रतिनिधि सह अवधेश कुमार पांडेय उर्फ मौनी बाबा ने कहा कि वर्तमान समय मे बच्चे मोबाइल देखकर अपनी संस्कार को भूल जा रहे हैं।हम जिस स्थान पर रहे वहीं का संस्कार से काम करना चाहिए।वर्तमान में बच्चे संस्कार भूलते जा रहे हैं जिसे सवांरने के लिए यह विद्यालय काम कर रही है।मौके पर अयोध्या प्रसाद सिंह, पंकज पांडेय,राजेश कुमार,शिवनंदन शर्मा,डॉ. उदय कुमार पांडेय,सुनील सिंह, सचिन दुबे,मनीष कुमार,अजय रजक,पंकज मिश्रा, बिकेश राम,अनिल रॉय, चंद्रमोहन मिश्र, रवि प्रभा,माला सिन्हा, संगीता कुमारी,ममता सिन्हा, सीमा वर्मा,स्वेता मिश्रा,शिवानी,शशि कांत तिवारी,शुशील सिंह, शिवकुमार दांगी सहित सैकड़ों अभिभावक मौजूद थे।