Barkagaon News (हजारीबाग): झारखंड में लोकतंत्र का महापर्व 2024 बड़े ही उत्साह और धूमधाम से संपन्न हो गया। चुनाव प्रक्रिया को सफल बनाने में 127 बूथों के बीएलओ ने दिन-रात मेहनत की। चुनाव के दौरान उन्होंने न अपने घर की चिंता की और न ही समय की परवाह, बल्कि पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का पालन किया। उनके समर्पण से चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक संपन्न हुई, जिसके बाद नई सरकार का गठन हुआ।
चुनाव के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को सम्मानित किया गया, लेकिन जिन बीएलओ के प्रयासों से चुनाव संभव हुआ, उनकी परेशानियों को समझने वाला कोई नहीं। चुनाव खत्म होने के इतने समय बाद भी बीएलओ को उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है।
मानदेय भुगतान में देरी और दबाव का मुद्दा:
बीएलओ लगातार अपने मानदेय के भुगतान की मांग कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों की ओर से केवल बहाने बनाए जा रहे हैं। प्रखंड स्तर पर मानदेय की राशि उपलब्ध है, जिसे अन्य प्रखंडों में वितरित भी किया गया है। हालांकि, बड़कागांव प्रखंड के बीएलओ के खातों में अब तक भुगतान नहीं हुआ है।
इस बीच, बीएलओ पर बिना भाड़े के व्हीलचेयर अंचल कार्यालय तक पहुंचाने का दबाव बनाया जा रहा है। बीएलओ का कहना है कि उन्होंने चुनाव के दौरान बूथ तक व्हीलचेयर बिना भाड़े के पहुंचाई, लेकिन अब वापस ले जाने के लिए उन्हें कोई व्यवस्था या भाड़ा नहीं दिया जा रहा।
अंचल अधिकारी का बयान:
बड़कागांव के अंचल अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि बीएलओ के लिए ₹7000 और सुपरवाइजर के लिए ₹9000 की राशि प्रखंड कार्यालय में आई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगले दो-चार दिनों में सभी का भुगतान कर दिया जाएगा।
बीएलओ की मांग:
बीएलओ ने स्पष्ट किया कि या तो व्हीलचेयर ले जाने की उचित व्यवस्था की जाए या फिर भाड़ा दिया जाए। जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, उनके मानदेय के भुगतान में देरी अनुचित है।
निष्कर्ष:
बड़कागांव के बीएलओ मानदेय भुगतान और कार्य शर्तों को लेकर प्रशासन से जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से उचित कदम न उठाने पर बीएलओ के असंतोष और समस्याएं बढ़ सकती हैं।