- यह अद्भुत और अलौकिक कलश, जैन धर्म की आस्था और पवित्रता का प्रतीक है।
- यह हमारे परिवार और पूरे समाज के लिए गर्व और आनंद का क्षण है :– चंद्र प्रकाश लता जैन।
- चातुर्मास के मुख्य कलश का हमारे निवास स्थान पर आगमन और स्थापित हमारे लिए एक आध्यात्मिक आशीर्वाद है :– चंद्र प्रकाश लता जैन।
हजारीबाग। पिछले 4 महीने से जैन समाज के द्वारा चातुर्मास पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया इस अवसर पर एक कलश मंदिर में विराजमान किया गया जिसे लेने का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता है। यह मुख्य कलश, जो चार महीने की पूजा-अर्चना के बाद पवित्रता और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक बन चुका है, बड़ी ही सौभाग्य से चंद्र प्रकाश लता जैन को प्राप्त हुआ। इसे उनके निवास स्थान पर स्थापित करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए। इस अवसर पर जैन समाज के पुजारी सुनील जी शास्त्री ने विधिवत मंत्रोच्चारण और पूजा विधियों के साथ कलश को प्रतिष्ठित किया। जैन समाज के लिए एक ऐतिहासिक और पावन क्षण था,जब चातुर्मास का मुख्य कलश समाज के वरिष्ठ सदस्यों, पदाधिकारियों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति में चंद्र प्रकाश जैन के निवास स्थान पर बड़े ही आदर और उल्लास के साथ स्थापित किया गया। चंद्र प्रकाश जैन और उनके परिवार ने इस आयोजन में पूरी निष्ठा और उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम में समाज के अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर इस क्षण को और भी खास बना दिया। चंद्र प्रकाश जैन के निवास स्थान पर मुख्य कलश के आगमन के समय ढोल-नगाड़ों की गूंज से माहौल गूंजायमान हो गया। उनके परिवार जनों ने ढोल-नगाड़ों की ताल पर उत्साहपूर्वक नृत्य करते हुए इस पावन अवसर का स्वागत किया। समाज के वरिष्ठ सदस्य और श्रद्धालु भी इस खुशी के सहभागी बने और पूरे आयोजन को भव्यता प्रदान की। कलश की पूजा अर्चना तथा स्थापित के बाद चंद्र प्रकाश लता जैन ने अपनी मां सुधा रानी जैन से आशीर्वाद प्राप्त किया इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज जो भी हूं इनके आशीर्वाद से हूं।
कलश का महत्व
यह अद्भुत और अलौकिक कलश, जैन धर्म की आस्था और पवित्रता का प्रतीक है। इसे प्राप्त करना और प्रतिष्ठित करना न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए गौरव का विषय है। माना जाता है कि इस कलश के प्रभाव से परिवार और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह आध्यात्मिक मार्गदर्शन और सामूहिक कल्याण का स्रोत बनता है। पूजन विधि के दौरान भक्ति गीतों और धार्मिक मंत्रोच्चारण ने वातावरण को और भी पवित्र बना दिया। कार्यक्रम के पश्चात, श्रद्धालुओं को श्रीफल का वितरण किया गया। समाज के सदस्यों ने चंद्र प्रकाश जैन और उनके परिवार को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और उनके योगदान की सराहना की।
मौके पर चंद्र प्रकाश लता जैन ने कहा कि यह हमारे परिवार और पूरे समाज के लिए गर्व और आनंद का क्षण है। चातुर्मास के मुख्य कलश का हमारे निवास स्थान पर आगमन और स्थापित हमारे लिए एक आध्यात्मिक आशीर्वाद है। यह न केवल धर्म और आस्था की शक्ति को दर्शाता है, बल्कि हमें अपने संस्कारों और परंपराओं से और अधिक जोड़ता है। इस पवित्र अवसर पर परिवार और समाज का साथ पाकर हृदय से आभारी हूं।
इस अवसर पर चंद्र प्रकाश लता जैन की माता जी सुधा रानी जैन,सुपुत्री मेघा जैन, वर्षा जैन, दामाद अभिषेक जैन, प्रणीत जैन, पन्ना लाल लुहाड़िया, शोभा लुहाड़िया,पियूष लुहाड़िया, प्रीति लुहाडिया सहित कई लोग मौजूद रहें।