Thursday, April 24, 2025
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Kanhachatti News: नए साल में झरना का आनंद उठाना है तो हरियोखार झरना का लीजिए आनंद

  • सतरंगी छटा का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है हरियोखार झरना में
  • हरियोखार खाई में नमकीन मछलियों का है अड्डा

Kanhachatti News: कान्हाचट्टी प्रखंड को प्रकृति ने कई तरह के अनुपम भेंट गिफ्ट की है।जिसमे हरियोखार एवं तमासिन झरना भी शामिल है।इन झरनों में जंगल पहाड़ो और पत्थरों से घिरा होने के कारण और बंदरो की कलरव तथा चिड़ियों की चहचहाना भी इन प्राकृतिक सुंदरता में और चार चांद लग जाता है।इस झरनों में लोग प्रतिवर्ष पिकनिक मनाने भी हजारों लोग पहुंचते हैं और पिकनिक का आनंद उठाते हैं।इन्ही पिकनिक स्पॉट में एक ऐसा झरना जहां की पानी भी रंग बिरंगी नजर आती है।पत्थरो के ऊपर से बने खाई के बीच से जब पानी खाई में गिरती है और उस पर जब सूर्य की रौशनी ऊपर से गिरती झरना पानी पर सुबह सुबह पड़ती है तो झरना की पानी भी रंग बिरंगी नजर आती है और मानो उस झरना से गिरता पानी से सतरंगी छटा बिखेर रही हो।वैसे हरियोखार झरना में प्रसिद्ध मछलियां भी पाई जाती है। उस खाई में पाई जानी वाली मछलियां भी है जिसका स्वाद नमकीन है। मैं जिस झरना की बात कर रहा हूँ यह झरना कान्हाचट्टी प्रखंड के बेंगोकला पंचायत के केंदुवा सहोर गांव के पूर्वी छोर पर स्थित है यह झरना।

कैसे पहुंचे झरना तक:-हरियोखार झरना पहुंचने के लिए चतरा से लगभग चालीस किलोमीटर की दूरी पर केंदुवा सहोर गांव में स्थित है।चतरा से ऊंटा मोड़ और फिर ऊंटा मोड़ से कान्हाचट्टी तथा कान्हाचट्टी से करमा मोड़ की दूरी 10 किलोमीटर है फिर करमा मोड़ से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर सहोर गांव के पूर्व में एक किलोमीटर पर स्थित है झरना।इटखोरी तरफ से आने वालों के लिए:- इटखोरी से पीतीज़ दस किलो मीटर और गुल्ली मोड़ से कान्हाचट्टी सात किलोमीटर,कान्हाचट्टी से तुलबुल करमा मोड़ दस किलोमीटर और फिर आठ किलोमीटर में हरियोखार झरना पहुंच सकते हैं।

स्थानीय लोगो ने पार्किंग का करते हैं ब्यवस्था:- स्थानीय केंदुवा सहोर के ग्रामीण एक कमेटी का निर्माण कर के पार्किंग का ब्यवस्था करते हैं।तथा झरना तक पहाड़ी रास्ते को काटकर आने जाने लायक बनाते हैं।स्थानीय ग्रामीण नरेश खरवार कहते हैं कि हरियोखार झरना अपने आप मे एक अलग पहचान रखता है।हम ग्रामीण एक जनवरी को झरना की दीदार करने के लिए आने वालों का विशेष ख्याल रखते हैं।जो नीचे झरना से ऊपर नहीं चढ़ पाते हैं उन्हें उठाकर गंतब्य स्थान तक पहुंचाते हैं।जिसमे सन्तोष खरवार,राजू सिह खरवार,छोटु खरवार सहित अन्य लोग शामिल रहते हैं।

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