भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी रहेगी
हजारीबाग जिले के मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई जानकारी देने से इनकार कर दिया है। अधिकारियों का टाल-मटोल भरा रवैया सरकार की योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकारी योजनाओं को अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा लूटा जा रहा है।
स्थिति और गंभीर तब हो जाती है जब जानकारी मांगने वाले कार्यकर्ताओं पर अधिकारी झूठे आरोप लगाते हैं, धमकियां देते हैं, बदनाम करते हैं और फर्जी मुकदमे करने की कोशिश करते हैं। इसके कारण भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाले लोगों को न केवल मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है बल्कि उनकी जान को भी खतरा बना रहता है।
हजारीबाग जिले में हो रहे बड़े घोटालों की सही से जांच हो जाए या आरटीआई के माध्यम से जानकारी मिल जाए, तो कई बड़े अधिकारी और ठेकेदार जेल के अंदर होंगे।
प्रेस वार्ता का आयोजन
इन मुद्दों को उजागर करने और जनता को जागरूक करने के लिए “मेरी आवाज सुनें/व्यवस्था बदलें” के बैनर तले आज एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई।
संदेश
इस प्रेस वार्ता के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि सूचना के अधिकार से जुड़े सभी कार्यकर्ता अपने आप को कमजोर न समझें। भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में हम उनके साथ हैं। यह संदेश उन भ्रष्ट अधिकारियों के लिए भी है कि कार्यकर्ताओं को अकेला या कमजोर समझने की भूल न करें। हर चालबाजी का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।