बैंगलोर से आए विशेषज्ञ ने प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को दिया प्रशिक्षण
TatiJhariya News: प्रखंड क्षेत्र में लगातार 40 वर्षों से जंगली हाथियों का आतंक है। हाथियों के समूह द्वारा फसल ,घर और जीव – जंतुओं की लगातार हानि हुई है। कई लोग हाथियों द्वारा कुचल कर मारे गए हैं। जब भी हाथियों के झुंड क्षेत्र में आते हैं तो प्रखंड के ग्रामीण दहशत के साए में जीने को विवश होते हैं। लोग रतजग्गा कर स्वयं सुरक्षा के उपाय ढूंढते हैं। यही कारण है कि पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी मौन प्रकाश एवं वन क्षेत्र पदाधिकारी सत्येंद्र तिवारी के निर्देशानुसार जंगली हाथियों से प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में हाथियों से फसलों और जीव – जंतुओं की सुरक्षा के उपाय बताए गए।
बैंगलोर से आये हाथियों से संरक्षण के विशेषज्ञ डॉ. रुद्रादित्य के द्वारा बेडमक्का और झरपो में ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षक ने व्यावहारिक रूप से ग्रामीणों को प्रशिक्षित किया। उन्होंने बताया कि गांव के बाहरी सिमाने में टीन में गोइठा (गोबर के उपले) जलाकर उसमें सूखे मिर्ची डालकर छोड़ देंगे । जब उससे धुंआ निकलेगा तो मिर्ची का गंध हवा में फैलेगा और हाथी मिर्ची के गंध से दूर भागेंगे। उसी प्रकार मशाल बनाकर भी हाथियों से अपनी और अपने फसलों की सुरक्षा करने की बात कही। बताया कि सुतरी के बोरे को जले मोबिल से भिंगाकर लंबे लकड़ी अथवा बांस में सूखे मिर्ची डालकर लपेट देना है और जब हाथी आने की सूचना मिले तो उसे जला देना है। इससे मिर्ची के प्रभाव के कारण हाथी दूर भागेगा और सबकी रक्षा होगी।
कार्यक्रम में प्रभारी वनपाल विद्या भूषण केशरी, वनरक्षी गोपी पासवान, सुजीत टोप्पो, क्यू आर टी के आलोक धान, राजू धान, राजू उरांव, अनिश टोप्पो, सावन तिग्गा, राजेंद्र उरांव उपस्थित थे ।