- सरकारी नौकरी करने वाले, सरकारी पेंशन लेने वाले को भी मिला आवास का लाभ
- जिन्हें पहले मिला है आवास उनके पति या पत्नी को दुबारा दिया गया है आवास
- तुलबुल पंचायत सहित कई पंचायतों में घोर अनियमितता
Kanhachatti News: झारखण्ड सरकार आवास विहीन को आवास उपलब्ध कराने के लिए करोड़ो अरबो रुपये खर्च भले ही कर रही है,लेकिन उसका लाभ वास्तविक रूप से गरीबो आवास विहीन को न मिल कर चाहें जिसका पक्का घर मकान बना है उसे मिल रहा है या फिर जिसके पास चार पहिया ट्रेक्टर या फिर नौकरी पेशा वाले या सरकारी पेंशन मिलने वालों को दिया जा रहा है। आखिर सम्पन्न लोगों को दिया भी क्यों न जाए चुकी सम्पन्न पास पैसा है और पंचायत सचिव और स्वयं सेवक जो वैसे लोगो पर मेहरबान जो हैं।जिस पर स्वयं सेवक मेहरबान रहेगा उसे अबुआ आवास हो या प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा ही।झारखण्ड सरकार अबुआ आवास योजना का शुरुआत किया ताकि गरीब जिनका पक्का छत नसीब नहीं हो पा रहा है उसे पक्का छत कम से कम नसीब हो जाए।लेकिन गरीब गरीब ही रह जाए रहा हैं वह गरीब जर्जर खपरैल घर मे रहने को मजबूर है लेकिन उस गरीब को आवास का लाभ न देकर पक्का मकान वाले या चार या छः पहिया वाहन वालों को आवास दिया जा रहा है।ऐसा ही मामला कान्हाचट्टी प्रखण्ड के विभिन्न पंचायतों में अभी देखने को मिल रहा है।जहां पर किसी गरीब को एक आवास का पता नहीं और जिसे पहले आवास मिला है उसे या जिनके पति या पत्नी में एक को आवास मिला है उनके पति या पत्नी को बेधड़क आवास स्वीकृत कर दिया गया है।
1.केश स्टडी नम्बर वन:- तुलबुल पंचायत में गरीबो को मिलने वाला प्रधान मंत्री आवास योजना से लेकर अबुआ आवास योजनक तक मे पंचायत सचिव और स्वयंसेवक की मनमानी से गरीब को आवास न देखर सम्पन्न लोगों को दिया गया है।कन्द्री सरैया गांव के रीना देवी सन्तोष साव का पक्का मकान फिर भी आवास आवंटित किया गया है।तुलबुल पंचायत के उपमुखिया की पत्नी कलावती देवी के नाम से अबुआ आवास योजना का लाभ दिया गया ।सरैया के ही सत्येन्द्र यादव पिता परमेश्वर यादव जिनका पक्का घर के साथ साथ सत्येन्द्र की पत्नी सेविका है फिर भी आवास दिया गया है।महेंद्र साव पिता बालेश्वर साव,महेंद्र साव की पत्नी भी सेविका है फिर भी आवास दिया गया।इस तरह पंचायत सचिव के मेहरबानी सेसरकारी नौकरी करने वालों,पक्का मकान वाले और चार पहिया वाहन मालिक को आवास का लाभ दिया गया है।
2.केश स्टडी नम्बर टू:-मदगड़ा पंचायत के पंचायत सचिव भी कम नौकरी वालो पर मेहरबान नहीं हैं।जिनका कारनामे के कारण गरीब को भले ही आवास नहीं मिला लेकिन सरकारी नौकरी वाले कि पत्नी,सेविका को और एक ब्यक्ति की दो दो पत्नियों को डबल डबल आवास का लाभ दिया गया,पैसे की निकासी भी हो गया लेकिन निर्माण नहीं हुआ।कठौतिया गांव के अंशु हुसैनी उरांव एवं उतनी अंशु दोनों सी सी एल कर्मी थे।उन्हें सरकारी पेंशन भी मिल रहा है।फिर भी उन्हें आवास आवंटित किया गया।जो आज तक नहीं बना है।ठीक उन्ही के पतोहू प्रमिला उरांव को जो आंगनबाड़ी में सेविका हैं उन्हें भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ सरकारी पद पर रहते दिया गया है।उसी गांव के दिलीप उरांव के दो पत्नियाँ हैं जिनमे एक को पहले पी एम ए वाई का लाभ दिया गया जिसे आज तक पूर्ण नहीं किया और पुनः इस बार दिलीप की दूसरी पत्नी को अबुआ आवास योजना का लाभ दे दिया गया।अर्थात एकही आवास को दिखा कर दो आवास का पैसे की निकासी।वहीं बड़वार गांव के प्रियांशु देवी दीपक राणा को प्रधानमंत्री आवास योजना मिला था जो बड़वार में उसका आवास ही नहीं बना है।
3.केस स्टडी नम्बर थ्री:-कुछ इसी तरह का मामला जमरी बक्सपुरा पंचायत के डोंडागड़ा का भी है जहां पर रघुनी भुइयाँ को पूर्व में आवास दिया गया था जिसका निर्माण भी वह करा चुका है लेकिन पंचायत सचिव की मेहरबानी के कारण रघुनी की पत्नी उषा देवी की नाम से पुनः अबुआ आवास योजना का लाभ दे दिया गया।रघुनी के पिता इशो भुइयाँ को भी आवास मिला था तो आखिर एक ही पति पत्नी या परिवार में चार पांच आवास कर जिन्हें आवास नहीं मिला है और कह टूटा फूटा घर मकान में निवास करने वालो के साथ छलावा ही हो रहा है।कुछ इसी तरह से चारु पंचायत के हेसापरम के निजामुद्दीन मियां उर्फ निजाम को भी पति पत्नी दोनों के नाम पर आवास का लाभ दिया गया है।
ग्रामीणों ने बी डी ओ को आवेदन देकर जांच कर सम्पन्न लोगो का नाम आवास से हटाने एवं गरीबो को आवास का लाभ देने की मांग किया है।ग्रामीणों ने आवेदन में जिक्र किया है कि आवास आवंटन में घोर अनिययमित्ता बरता गया है।जांच हुआ तो कई लोगो पर अवैध रूप से आवास लेने के मामले में कार्रवाई हो सकती है।