Kanhachatti News: शिक्षा विभाग भले ही शिक्षा के विकास के नाम पर करोड़ो अरबो रुपये खर्च कर रही है।लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनो ऐसे विद्यालय हैं जहां पर पढ़ाई करने वाले बच्चों को बैठने के लिए भवन ही नहीं है।जहाँ बच्चे अधिक हैं वहां भवन नहीं और जहां बच्चे नहीं हैं वहाँ भवन ज्यादा है।जिसके कारण बच्चे चाहे पेंड के नीचे पढ़ने को विवश हैं या फिर जर्जर भवन में बैठने को मजबूर हैं।ऐसा ही मामला चतरा जिले के कान्हाचट्टी प्रखण्ड में देखने को मिल रहा है।प्रखंड के कैंडीनगर मध्य विद्यालय में पढ़ाई के लिए बच्चे अधिक हैं और कमरों की संख्या मात्र दो वह भी जर्जर है।जबकि इस विद्यालय में वर्ग एक से आठ तक मे दो सौ से अधिक बच्चे अध्ययनरत हैं।लेकिन उन्हें पढ़ने के लिए स्कूल भवन ही नहीं।
कैंडीनगर मध्य विद्यालय जिस स्थान पर वर्तमान में संचालित हो रहा है उस स्थान पर जमीन की कभी है जिसे अन्य अर्थात गांव के एक ग़ैरमजरूवा भूमि है जिस पर स्कूल भवन बनाने की मांग ग्रामीण वर्षो से कर रहे हैं लेकिन शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों का कान भी आज तक नही फ़ट फटाया।ग्रामीण ने उपायुक्त से उस ग़ैरमजरूवा भूमि पर स्कूल बनाने की मांग किये हैं।वहीं पहले नक्सल प्रभावित गांव रहे गड़िया बेंगॉ स्कूल में एक कमरा में एक से आठवीं तक के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। एक कमरे में आखिर एक से आठवीं तक के बच्चे पढ़ाई कैसे करेंगे।समाजसेवी अरुण सिह ने सांसद,विधायक एवं उपायुक्त से भवन उपलब्ध मांग करने की मांग किये हैं।