- भारत जितना मजबूत होगा तिब्बत की आजादी सरल होगी : बंशीधर रूखैयार
हजारीबाग: भारत तिब्बत मैत्री मंच, हजारीबाग द्वारा जैन भवन, बड़ा बाजार में विश्व मानवाधिकार दिवस और परम पावन दलाई लामा को प्राप्त नोबेल शांति पुरस्कार दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष सुदेश कुमार चंद्रवंशी ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत परम पावन दलाई लामा के चित्र पर पुष्प अर्पित करने और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके बाद सभी अतिथियों का पारंपरिक खतक पहनाकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य बातें:
अध्यक्ष सुदेश कुमार चंद्रवंशी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आज से 35 वर्ष पहले परम पावन दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। तब से तिब्बत और दलाई लामा के समर्थक इस दिन को समारोह के रूप में मनाते हैं। उन्होंने कहा कि चीन द्वारा तिब्बत में मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। तिब्बत में दलाई लामा का चित्र रखना भी प्रतिबंधित है, और आजादी की बात करने वालों को जेल में डाल दिया जाता है। उन्होंने अपील की कि तिब्बत में हो रहे मानवाधिकार हनन को रोकने के लिए सभी तिब्बत समर्थक देशों को एकजुट होना होगा।
मुख्य अतिथि बंशीधर रूखैयार ने अपने संबोधन में कहा कि चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के तहत अपने पड़ोसियों को परेशान कर रहा है और अब पूरी दुनिया से अलग-थलग पड़ चुका है। उन्होंने कहा, “भारत जितना मजबूत होगा, तिब्बत की आजादी उतनी ही सरल होगी।” साथ ही उन्होंने भारत में मानवाधिकारों को जन्मजात अधिकार बताया।
विशिष्ट अतिथि गंगाधर दुबे ने कहा कि चीन द्वारा तिब्बत पर किया गया अवैध कब्जा मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने अन्य देशों से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का आह्वान किया।
उपस्थित प्रमुख वक्ता:
समारोह को जे.पी. जैन, डॉ. बी.के. सिंह, प्रोफेसर अखोरी गोपाल सहाय, राजेंद्र प्रसाद, ज्ञानचंद मेहता, शंभू शरण, प्रो. सुरेंद्र सिन्हा, और अजीत कुमार चंद्रवंशी सहित कई अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।
उपस्थित गणमान्य लोग:
कार्यक्रम में शैलेश कुमार चंद्रवंशी, हितेश रंजन, राकेश वर्मा, नंदकिशोर प्रसाद, बिरेंदर भगत, रेणुका साहू, अमरदीप वर्मा, सरदार सतपाल सिंह और सैकड़ों तिब्बती पुरुष व महिलाएं शामिल हुए।
समापन पर मंच के सचिव अजीत कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।