सर्व सनातन समाज के बैनर तले एकत्रित शहरी क्षेत्र के लोगों ने किया प्रदर्शन, राज्य भर में अलग-अलग प्रदर्शन
Hazaribagh News: जब से बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार को अपदस्थ किया गया है, बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ गया है। पिछले तीन माह से अधिक समय से सड़कों पर हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार किया जा रहा है और मठ-मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। लगातार हो रहे हमलों के खिलाफ देश के साथ-साथ विदेशों में भी उबाल है।
मंगलवार को हजारीबाग में भी लोग सड़कों पर उतर कर विरोध जताया और भारत में रह रहे बांग्लादेशियों को बाहर करने की मांग उठाई गई। इस दौरान पूरा शहर स्वत: बंद रहा और लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिष्ठानें बंद कर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। सर्व सनातन समाज द्वारा सांकेतिक बंद बुलाया गया था। सुबह करीब दस बजे से लोग कर्जन ग्राउंड पहुंचने लगे थे और दिन के साढ़े 12 बजे शांति मार्च प्रारंभ हुआ। लोग हाथों में तख्ती घर से लेकर आए थे और “बांग्लादेशी घुसपैठिएं को बाहर निकालों, उन्हे भोजन पानी, काम और राशन देना बंद करो, हिंदुओं का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” का नारा लगा रहे थे।
शांति मार्च का मार्ग:
शांति मार्च सरकारी बस स्टैंड होकर बुढ़वा महादेव पहुंची और फिर वहां से अनंदा चौक, छठ तालाब होकर झंडा पहुंची। यहां से पुन: बंशीलाल चौक होकर कर्जन ग्राउंड पहुंचकर सभा संपन्न हो गई।
सभा का आयोजन:
इससे पूर्व एक सभा का आयोजन किया गया और मंच से वक्ताओं ने भविष्य के भारत, भारत के सामने चुनौतियां, धार्मिक जेहाद, लव जेहाद, बांग्लादेशी घुसपैठ और सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रहे जनसंख्या बदलाव की भी जानकारी दी। बांग्लादेश में हो रहे हमले को इस्लामिक साजिश करार देकर इसके खिलाफ हिंदू जनमानस को एकजुट होकर उठ खड़ा होने के लिए आह्वान किया गया। समारोह में सदर विधायक प्रदीप प्रसाद के साथ-साथ बरही विधायक मनोज यादव, सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जुड़े विभिन्न संगठन, सामाजिक संगठन और सनातन जाति से संबंधित विभिन्न जाति के लोग भी शामिल हुए। मंच से जाति का भेद हटाकर सनातनी बनने और हिंदू होने का संकल्प दोहराया गया।
विरोध प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल:
आर्ष कन्या गुरुकूल की बेटियों के साथ आचार्य कौटिल्य भी विरोध प्रदर्शन में पहुंचे थे। दो हजार से अधिक की संख्या में महिलाएं विरोध प्रदर्शन की हिस्सा बनी।
शांतिपूर्ण तरीके से निकला विरोध मार्च, सुरक्षा की हुई थी पुख्ता प्रबंध:
शहर में शांतिमार्च बेहद ही शांतिपूर्वक आयोजित हुआ। इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता उपाय किए गए थे। बड़ी संख्या में महिला व पुलिस बल को तैनात किया गया था। जगह-जगह बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस के कार्यकर्ता भी यातायात व्यवस्था को सुचारु करा रहे थे। यातायात विभाग भी आयोजन को लेकर सक्रिय रही और किसी को अव्यवस्था ना हो इसे लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
डॉ. टी के शुक्ला का संबोधन:
आयोजन के संयोजक डॉ. टी के शुक्ला ने संबोधित करते हुए कहा कि देश के आजादी के समय अर्थात विभाजन के समय 1947 में पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों, जैनों एवं बौद्धों की अच्छी खासी संख्या थी, जो अब नगण्य हो चुका है। यही स्थिति अब बांग्लादेश में भी होने जा रही है। बांग्लादेश की वर्तमान सरकार इस कुकृत्य में खुले तौर पर शामिल है। अगर हम सभी अभी भी सचेत नहीं होंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ियां हमें ही कोसेंगी। बताया कि बांग्लादेश में यह संयोग नहीं प्रयोग किया जा रहा है और अगला निशाना भारत होगा।
आयोजन को सफल बनाने में सहयोगी:
आयोजन को सफल बनाने में प्रकाश गुप्ता, बासुदेव प्रसाद, डॉ. चेतलाल प्रसाद, संजय श्रीवास्तव, आशुतोष कुमार, आर्य समाज से आचार्य कौटिल्य, सीख समाज से सुरजीत सिंह, दीपक जैन, पवन जैन, हीरालाल राम जी, इस्कॉन से केशवानंद महाराज, रामलखन मुंडा, महेन्द्र बेक, नरेश खंडेलवाल, सुमेर सेठी, अमरदीप यादव, मनमीत अकेला, विनोद कुमार, हर्ष अजमेरा सहित अन्य की भूमिका रही।