Barhi News : आज के व्यस्त युग में मां – बाप के पास अपने बच्चों के लिए समय नहीं है। यही कारण है कि बच्चों की सुरक्षा के प्रति हम लापरवाह हो गए है। अभिभावक बच्चों को हर रोज स्कूल तो भेजते है लेकिन वे शायद इस बात पर ध्यान नहीं देते है कि जिस तरह उनका बच्चा आता जाता है वह उसके लिए कितना सुरक्षित है। अभिभावक अपने बच्चों के पढ़ाई में हजारों रुपए प्रत्येक माह खर्च कर रहे है। लेकिन अपने लाडले को ऐसे वाहनों पर सवार कर स्कूल रवाना कर देते है, जिसपर क्षमता से अधिक सवारियां बैठी हो।
बता दें कि पिछले साल करियातपुर में छात्राओं से भरी ऑटो पलट गई थी। जिसमें सवार करीब 6 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। ऑटो रिक्शा में इतने बच्चे भरे होते है कि चालक को हैंडल तक घुमाने में दिक्कत होती है। क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर ऑटो रिक्शा दौड़ रही है लेकिन जिम्मेदार मौन बनाए हुए है। ऐसे वाहन चालक अपनी जिंदगी के साथ – साथ बच्चों के जिंदगी से भी खिलवाड़ रहे है। ऑटो चालक ऑटो के इतने बच्चे बैठा लेते है कि बैठने के लिए बच्चों को पर्याप्त जगह भी नहीं मिल पाती है। कई बार देखा जाता है कि करीब तीन – तीन बच्चे चालक वाली सीट बैठा दिया जाता है। 6 से 8 सवारियों वाले ऑटो रिक्शा पर 12 – 15 बैठाकर ऑटो चालक सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे है।
इन ऑटो रिक्शा पर बच्चों के साथ हादसा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। जिम्मेदार अधिकारी इसपर ध्यान नहीं दे रहे है वहीं दूसरी तरफ अभिभावक भी बच्चों की सुरक्षा की परवाह किए बिना ऑटो रिक्शा पर बच्चों को भेज रहे है। ऐसा अक्सर आपको स्कूलों में छुट्टी के बाद देखने को मिलेगा। लेकिन इस समस्या के प्रति न तो स्कूल प्रबंधन, न यातायात पुलिस, न शिक्षा विभाग, न परिवहन विभाग न ही अभिभावक सजग हैं। शायद सभी को किसी हादसे का इंतजार है। हादसा होने के बाद ही सबका ध्यान इस ओर जाएगा।