टंडवा/केरेडारी: कोल ट्रांसपोर्टिंग पब्लिक सड़कों से कोल ढुलाई होने से आये दिन घट रही दुर्घटना,बताते चलें कि 19 नवंबर को रात्रि करीब 7:30 बजे टंडवा से अपने घर केरेडारी प्रखंड के ग्राम पुरनीपेटो निवासी 35 वर्षीय प्रमोद रजक की कोल वाहन हाइवा में टक्कर होने से गंभीर अवस्था में इलाज के दौरान दर्दनाक मौत हो गई।
मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने नौकरी मुआवजा की माँग के लिए 20 घंटे से सडकें पर बैठ कर याचना कर रहे हैं। मृतक प्रमोद रजक अपने पत्नी, दो बेटी को छोड़ चला गया।
टंडवा से हजारीबाग के मुख्य सड़क में आमरहगीरों से लेकर कोल ट्रांसपोर्टिंग पूरी तरह से ठप है। या घटना बाईपास संडक राँची व हजारीबाग के डम्बाबागी मंसूरी नदी के पास की है। टंडवा तथा केरेडारी के बीच इन सड़कों में कोल वाहनों की जमदूत रूपी हाइवा नजर देखी जा सकती है जिससे राहगीर व ग्रामीणों को आवगमन करना मौत के साये के साथ बड़ा मुश्किल हो गया है।
बात की जाय तो चतरा जिले के औद्योगिक नगरी,टंडवा क्षेत्र में झारखंड,बिहार,छत्तीसगढ़, उड़ीसा व अन्य राज्य के हाइवा नंबर लगभग आंकड़े के अनुसार पांच हज़ार से आठ हजार के बीच हाइवा द्वारा कोल ट्रांसपोर्टिंग पब्लिक सड़कों से की जा रही है जिससे मृतकों की संख्या 2014 से 2024 तक 15सौ पार की अनुमान है।
इन दिनों चतरा जिले के टंडवा के आम्रपाली कोल परियोजना माइंस से टंडवा एनटीपीसी बिजली प्लांट,राजधर, फूलबसिया साइडिंग,टोरी, कटकमसाड़ी साइडिंग कोल ढुलाई हाइवा द्वारा 24 घण्टे पब्लिक मुख्य मार्गो से की जा रही है तथा मगध कोल परियोजना से भी कोल ढुलाई हाइवा से हीं होती है।
दूसरी ओर हजारीबाग जिले के चट्टीबारियतु माइंस व पांडु माइंस से कोल ढुलाई हाइवा द्वारा एनटीपीसी बिजली प्लांट, राजधार साइडिंग,टोरी सीइडिंग, कटकमसाड़ी साइडिंग की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि कोल परियोजना खुला लेक़िन अलग से कोल ढुलाई करने की सड़के नहीं होने की वजह से आए दिन लोगों की सड़कों में जान जा रहा है। जिससे घर के सदस्यों को परिवार से दूर हो रहें हैं।
फिलहाल पूरी तरह से टंडवा से हजारीबाग जाने वाली मुख्य मार्ग बंद है,जिससे कोल वाहनों की लंबी कतारें पब्लिक सड़कों में लगी हुई है।