Bishnugarh News :डीवीसी विस्थापित पुनर्वास में मिली जमीन के मालिकाना हक पाने को लेकर लंबे समय से आक्रोशित हैं। इसे लेकर कोनार डैम के गोंदलीटांड में कई गांवों के डीवीसी विस्थापितों की संयुक्त बैठक हुई। इसमें डीवीसी प्रबंधन के खिलाफ रोष जताया गया। गोंदलीटांड में डीवीसी द्वारा करोड़ों रूपये की लागत से बनने वाले सोलर पावर प्रोजेक्ट का विस्थापितों ने विरोध किया। कहा कि कोनार डैम निर्माण के समय डीवीसी ने परसाबेड़ा मौजा में हमारे पूर्वजों से जमीनें छिन ली। इसके बदले दूसरे जगह जमीन तो दी गई, लेकिन जमीन का मालिकाना हक अब तक नहीं दिया गया। जिसके कारण पुनर्वासित गांव में जमीन की खरीद-बिक्री, सरकारी विकास योजनाएं समेत अन्य कई काम नहीं हो पाते।
खतियान नहीं रहने के कारण आय, जाति, आवासीय प्रमाण पत्र भी नहीं बनते। डीवीसी द्वारा पुनर्वासित गांवों में विस्थापन के समय किए गए एक भी वादे को पूरा नहीं किया गया। आज भी गांवों में मुलभूत सुविधाएं नहीं है। जिसके कारण काफी परेशानी होती है। विस्थापितों का कहना है कि विस्थापन के समय डीवीसी ने हमारे पूर्वजों की कितनी जमीनें ली और कितनी जमीन पर पुनर्वास किया। इसका कोई रिकार्ड भी डीवीसी उपलब्ध नहीं करा रहा है। आरटीआई के तहत कई बार सूचना मांगी गई, लेकिन कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। कहा कि जमीन के मालिकाना हक को लेकर धरना-प्रदर्शन एवं आंदोलन भी हुए। इसके बावजूद डीवीसी द्वारा टालमटोल रवैया अपनाया जाता है।
विस्थापितों ने कहा कि इधर डीवीसी द्वारा गोंदलीटांड में चारागाह की जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है। जब तक डीवीसी हमारी जमीनों का म्यूटेशन कर मालिकाना हक नहीं देती है, तब तक सोलर पावर प्लांट निर्माण कार्य का विरोध जारी रहेगा। मौके पर विस्थापित जेएलकेएम के केंद्रीय संगठन मंत्री महेंद्र प्रसाद महतो उर्फ माही पटेल, भारतीय मजदूर संघ भवन निर्माण के जिलाध्यक्ष सुरेश राम, धर्मनाथ महतो, गुलाब महतो, बहादुर राज, जीतन महतो, राजकुमार महतो, चितरंजन महतो, खुलेश्वर प्रसाद, लीलो महतो, विनोद कुमार, सोमर राम, चेतन महतो, रामकिशुन महतो, मनोज कुमार, राजकिशोर महतो, गंगाधर महतो, विशेश्वर महतो, राजेश कुमार, अशोक कुमार समेत कई विस्थापित मौजूद थे।