- परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
Kanhachatti News: राजकुमार यादव के असामयिक निधन से उनके परिवार पर संकट का पहाड़ टूट पड़ा है। घर का चिराग बुझ गया, और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे। उनके परिवार में पत्नी, दो नाबालिग बेटे (10 और 5 वर्ष) और एक बेटी (8 वर्ष) हैं।
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Toggleठंड से बिगड़ी तबीयत, रास्ते में तोड़ा दम
राजकुमार यादव, मूल रूप से कन्हाचट्टी प्रखंड के मदगड़ा पंचायत के बिंधानी गांव के निवासी थे। वे पिछले 20 वर्षों से सदर प्रखंड में मनरेगा के तहत कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत थे। बुधवार को ड्यूटी से लौटने के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिजन उन्हें हजारीबाग के आरोग्य अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया।
शोक की लहर: विधायक और बीडीओ ने जताया दुख
उनकी मौत की खबर सुनकर विधायक जनार्दन पासवान, राजद उम्मीदवार रश्मि प्रकाश, सदर बीडीओ, मनरेगा जिला अध्यक्ष मंजीत सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया।
विधायक जनार्दन पासवान ने कहा, “राजकुमार की मृत्यु से जिले को बड़ी क्षति हुई है।”
रश्मि प्रकाश ने परिजनों को सरकारी सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।
बीडीओ प्रबल प्रताप नारायण ने कहा, “राजकुमार मिलनसार और कुशल व्यक्तित्व के धनी थे।”
नौकरी की मांग: परिवार की आर्थिक स्थिति चिंताजनक
मनरेगा जिला अध्यक्ष मंजीत सिंह ने उपायुक्त से मृतक की पत्नी को नौकरी देने की मांग की। मनरेगा कर्मियों ने इस मामले में डीसी से मुलाकात कर परिवार को राहत दिलाने का प्रयास करने की बात कही।
शोक सभा और अंतिम संस्कार
सदर चतरा के उपविकास आयुक्त के नेतृत्व में जिला ग्रामीण विकास शाखा में शोक सभा का आयोजन किया गया। सभा में विभिन्न पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। अंतिम संस्कार में मनरेगा के जिला भर के कर्मियों ने भाग लिया और श्रद्धांजलि अर्पित की।
राजकुमार यादव का निधन समाज और उनके परिवार के लिए एक बड़ी क्षति है। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकारी मदद की आवश्यकता है।