एक दृश्य। एक दिव्य आकृति। अनगिनत अटकलें।
निर्देशक कार्तिक घट्टमनेनी की मिराई, जो एक नई विधा को जन्म देने वाली फिल्म मानी जा रही है, का टीज़र सामने आते ही इंटरनेट पर हलचल मच गई है। तेज़ ऐक्शन, शानदार वीएफएक्स और सुपरहीरो तेजा सज्जा की दमदार उपस्थिति के अलावा, एक चीज़ है जिसने सबका ध्यान खींचा — वो आख़िरी दृश्य। एक शांत, लेकिन अत्यंत प्रभावशाली क्षण: बंदरों की भीड़ के बीच चलती एक दिव्य आकृति के चरण।
अब इंटरनेट पर चर्चाओं का सैलाब है। क्या वह भगवान श्रीराम थे, जो वानरों के बीच प्रकट हुए? या फिर भगवान श्रीकृष्ण, जिनकी चाल और माहौल में झलकती दिव्यता ने संकेत दिए? दर्शक हर पिक्सल को ज़ूम करके, पौराणिक कथाओं से जोड़कर, हर दृश्यात्मक संकेत की गहराई से व्याख्या कर रहे हैं।
हनु-मान से पैन-इंडिया यंग आइकन बन चुके तेजा सज्जा, अब मिराई में एक और बड़ा किरदार निभा रहे हैं — एक ऐसा सुपर योद्धा जिसे एक रहस्यमयी छड़ी और एक विराट उद्देश्य मिला है। यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें आत्म-खोज है, धर्म है, और शायद ईश्वरीय मार्गदर्शन भी।
उनके सामने हैं रॉकिंग स्टार मनोज मांचू, जो ब्लैक स्वॉर्ड के रूप में एक अंधकारमय और भयंकर रूप में नज़र आएंगे — उनके करियर का अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण किरदार। परंतु इन दोनों के महाकाव्य टकराव को भी उस दिव्य रहस्य ने क्षण भर के लिए पीछे छोड़ दिया है जो टीज़र के अंत में झलकता है।
5 सितंबर 2025 को रिलीज़ होने वाली मिराई, भारतीय इतिहास को एक भविष्यवादी सिनेमा की भाषा में बुनती है। पीपल मीडिया फ़ैक्ट्री के बैनर तले, टीजी विश्व प्रसाद और कृति प्रसाद जैसे निर्माताओं के साथ, यह फिल्म भारतीय कहानियों को कहने के ढंग को पूरी तरह से बदलने का माद्दा रखती है।
और जहाँ तक उस अंतिम दृश्य की बात है — क्या वो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं या मुरलीधर — इसका उत्तर शायद सितंबर तक ही मिलेगा। लेकिन एक बात तो तय है: मिराई सिर्फ एक और फिल्म नहीं है। यह एक पौराणिक आंदोलन है, जो इतिहास रचेगा।