समान नागरिक संहिता असंवैधानिक, मुस्लिम इसे नहीं करेंगे स्वीकार: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
लाइव पलामू न्यूज: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मोहम्मद खालिद सैफुल्ला रहमानी ने समान नागरिक संहिता को असंवैधानिक करार देते हुए सरकार को इसे लानू नहीं करने की अपील की है। उनका कहना है कि समान नागरिक संहिता असंवैधानिक है और इसे देश के मुसलमान नहीं मानेंगे। पर्सनल लॉ के महासचिव ने एक बयान में कहा कि भारत एक धर्म निरपेक्ष राज्य है। भारत का संविधान सभी नागरिकों को चाहे वह किसी भी धर्म के क्यों न हों। उनके धर्म के मुताबिक जीने की अनुमति देता है।
यह मौलिक अधिकार भी है। इसी के तहत अल्पसंख्यक व आदिवासियों को उनके रीति रिवाजों के अनुरूप पर्सनल लॉ की अनुमति है। उन्होंने आगे कहा कि पर्सनल लॉ किसी भी तरह से संविधान में हस्तक्षेप नहीं करता है। बल्कि यह अल्पसंख्यकों और बहुसंख्यकों के बीच परस्पर विश्वास को कायम करता है।

रहमानी ने कहा कि समान नागरिक संहिता की बात करके सरकार देश के असली मुद्दों मंहगाई, बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था आदि से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसकी कड़ी निंदा करता है।