सरकार ने गेहूं के निर्यात पर लगायी रोक, जानिए क्यों…
लाइव पलामू न्यूज: सरकार ने घरेलू स्तर पर गेंहूँ की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 13 मई को जारी अधिसूचना में कहा कि इस अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (एलओसी) जारी किए गए हैं, अब केवल उसके निर्यात की अनुमति होगी। गेहूं की निर्यात नीति पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जा रहा है। डीजीएफटी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर जैसी अनुमति देगी , गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावे डीजीएफटी ने एक अलग अधिसूचना जारी कर प्याज के बीज के लिए निर्यात शर्तों को आसान बनाने की घोषणा की है। बता दें कि अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति आठ साल के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
डीजीएफटी ने कहा, प्याज के बीज की निर्यात नीति को तत्काल प्रभाव से सीमित श्रेणी के तहत रखा जाता है। पहले प्याज के बीज का निर्यात प्रतिबंधित था। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण गेहूं की वैश्विक आपूर्ति में व्यवधान के मद्देनजर निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है। रूस और यूक्रेन गेहूं के प्रमुख निर्यातक रहे हैं। मजबूत वैश्विक मांग के कारण 2021-22 में भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 70 लाख टन तक पहुंच गया। डीजीएफटी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में कुल गेहूं निर्यात में से लगभग 50 प्रतिशत खेप बांग्लादेश भेजी गई थी। पिछले साल इसी अवधि में 1,30,000 टन के मुकाबले देश ने इस साल लगभग 9,63,000 टन गेहूं का निर्यात किया है।