सरकार को हम चार जिलों वालों से उतना ही नफरत है तो बनवा दीजिए हमलोगों की बनारस को राजधानी : भानु प्रताप
लाइव पलामू न्यूज/बरवाडीह (लातेहार) : झारखंड की नई नियमावली के तहत हिंदी विषय को हटाए जाने को लेकर राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ पूरे राज्य में विरोध का दौर शुरू हो चुका है। इस बीच बेतला नेशनल पार्क के तीन दिवसीय दौरे पर आए भारतीय जनता पार्टी के विधायक भानु प्रताप शाही ने राज्य की हेमंत सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहां है कि हेमंत सरकार पलामू, गढ़वा, लातेहार, चतरा 4 जिलों को बाधित करने के उद्देश्य ऐसा कर रही है।

जिसके पीछे सिर्फ और सिर्फ एक राजनीतिक षड्यंत्र है क्योंकि यह 4 जिले भारतीय जनता पार्टी का गढ़ है और सरकार को इन 4 जिलों के बच्चों और जनता परेशानी है साथ ही सरकार अगर वोट का बदला लेना चाहती है तो फिर हमारे 4 जिलों को जोड़कर बिहार या यूपी में कर दीजिए और राजधानी बनारस को बना दीजिए। क्योंकि सरकार को पलामू, गढ़वा, लातेहार, चतरा में रह रहे लोगों की भाषा लोगों की संस्कृति सरकार को अच्छी नहीं लग रही है मगर सरकार के द्वारा जारी किए गए नए नियमावली का मैं और मेरी पार्टी पूरे राज्य में विरोध कर रही है और आने वाले विधानसभा के सत्र के दौरान ही करेगी क्योंकि हिंदी हमारी मातृभाषा है जिसे छीनने का अधिकार किसी का नहीं है चाहे इसके खिलाफ किसी भी हद तक जाना पड़े।



इस बीच झारखंड विधानसभा के सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य के रूप में बेतला भ्रमण पर आए विधायक भानु प्रताप शाही के नेतृत्व में पलामू के युवा समाजसेवी रोहन शुक्ला (सनी), रणधीर तिवारी, संजीव कुमार और अमित ने समिति के सभापति सरयू राय से मुलाकात कर मांग पत्र सौंपते हुए हिंदी भाषा की अनिवार्यता को लागू करने के साथ-साथ झारखंड के रहने वाले दूसरे राज्य से मैट्रिक के परीक्षा पास करने वाले युवाओं को भी मान्यता दिलाने की मांग करते हुए नई नियमावली में बदलाव करने की मांग की है।



वही सरयू राय पूरे मामले को गंभीर बताते हुए वर्तमान सरकार के नियमावली बनाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इस नियमावली को वापस लेने की मांग की है, साथ ही साथ सरयू राय ने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और इससे सब कुछ जानने पढ़ने और समझने का अधिकार है। इस भाषा की अनिवार्यता के साथ कोई छेड़छाड़ करें वह संविधान के साथ छेड़छाड़ करने के बराबर है। इसलिए इस पूरे मुद्दे पर मैं सरकार से बात करने के साथ-साथ विधानसभा के सत्र में भी इस मुद्दे को रखने का काम करूंगा।


