- 10 दिनों के भीतर व्यवस्था में हो सुधार ,नहीं तो करेंगे आमरण अनशन।
Hazaribagh News: कांग्रेस ओबीसी मोर्चा के स्टेट कोऑर्डिनेटर सुरजीत नागवाला ने शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में व्याप्त अनियमिता के संबंध में विभागीय मंत्री माननीय श्री इरफान अंसारी साहब को एक पत्र लिखा है। पूरे मामले की जानकारी दी है। पत्र की कॉपी भेज कर और ट्वीट कर माननीय मुख्यमंत्री झारखंड सरकार को, माननीय मुख्य न्यायाधीश झारखंड, एसीबी रांची और स्वास्थ्य सचिव स्वास्थ्य विभाग, रांची, और उपायुक्त हजारीबाग को भी दी है।
बताते चले की झारखंड में शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज की वर्तमान सुपरिंटेंडेंट डा अनुकरण पूर्ति जी का अस्पताल में कोई नियंत्रण नहीं है ।गायनी वार्ड में सुनीता टोप्पो, गायनी सर्जरी में किरण लता वर्षों से पदस्थापित है और प्रत्येक माह दोनों जगह से चार से ₹500000 की वसूली की जाती है। जिसका एक बड़ा हिस्सा अस्पताल अधीक्षक को भी जाता है। यहां तक की जो मरीज वहां डिलीवरी के लिए आते हैं उनके साथ भी वहां के स्टाफ का व्यवहार बहुत ही निंदनीय होता है। सभी लोगों की ड्यूटी तो बदलती है पर यह लोग अपनी जगह पर बने रहते हैं।
राकेश कुमार सिंह की अस्पताल में बड़ा बाबू है जिन्होंने हजारीबाग में रहते हुए करोड़ों रुपए की अवैध चल अचल संपत्ति भी जमा की है ,जिसे एसीबी भी से भी जांच करने का आग्रह किया है। यहां तक की अधीक्षक कार्यालय में जितने भी लिपिक है सभी लंबे समय से एक ही जगह पदस्थापित है और भ्रष्टाचार में लिप्त है। कई बार इस मामले को लेकर जिला प्रशासन को सूचित भी किया गया है। पूर्व विधायक अकेला यादव अपने विधायक काल में भी इन बिंदुओं को लेकर धरना पर बैठे थे लेकिन कार्रवाई शून्य रही थी। गरीब आदमी इलाज के लिए इधर-उधर दौड़ता रह जाता है परंतु अधीक्षक की लापरवाही से सभी व्यवस्था अस्त व्यस्त हो चुकी है। जहां झारखंड सरकार गरीबों के लिए चिंतित है प्रयत्नशील है। वही ऐसे पदाधिकारी से सरकार की छवि खराब हो रही है और यह लोग मालामाल हो रहे हैं अधीक्षक कार्यालय के द्वारा जितने भी वस्तु की खरीदारी हुई है अगर गहराई से जांच किया जाए तो कई बड़ी मामले उजागर होंगे। सुरजीत नागवाला ने कहा है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था में हो दस दिनों के अंदर सुधार, नहीं तो करेंगे आमरण अनशन, जिसकी सारी जवाब दे ही जिला प्रशासन की होगी।