ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा पहुँची पलामू, शहीदों को किया याद, दिया प्रेम का संदेश
लाइव पलामू न्यूज/मेदिनीनगर: “ढाई आखर प्रेम का पढ़ने पढ़ाने आए हैं / हम भारत से नफरत का दाग मिटाने आए हैं ” की भावना के साथ इप्टा द्वारा संचालित “ढाई आखर प्रेम ” की सांस्कृतिक यात्रा ने बी मोड़ के रास्ते पलामू में प्रवेश किया। यात्रा में शामिल कलाकार यात्रियों का स्वागत धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति ने किया। इसके बाद पड़वा मोड़ में कलाकारों का स्वागत किया गया। पड़वा से होते हुए सांस्कृतिक यात्रा डाल्टनगंज पहुंची। डाल्टनगंज स्थित साहित्य समाज चौक पर झारखंड इप्टा के अध्यक्ष डॉ अरुण शुक्ला एवं स्थानीय इप्टाकर्मी, मासूम आर्ट ग्रुप, मिशन समृद्धि, प्रगतिशील लेखक संघ, एआईएसएफ, वाईजेके, स्टूडेंट फेडरेशन, झारखंड जन संघर्ष मोर्चा ने किया। मौके पर डॉ अरुण शुक्ला ने राष्ट्रीय महासचिव राकेश वेदा को पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया। इसके बाद छत्तीसगढ़ इप्टा के अध्यक्ष मणिमय मुखर्जी ने झारखंड इप्टा के अध्यक्ष डॉक्टर अरुण शुक्ला को इप्टा का झंडा अर्पित कर राष्ट्रीय समिति की ओर से सम्मान प्रकट किया गया।
ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा के पलामू इप्टा के द्वारा सम्मान में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक संध्या के प्रारंभ में पलामू के चर्चित साहित्यकार डॉ शोएब राही द्वारा रचित गजलों का संग्रह उजालों के हिसार का हिंदी में रूपांतरित पुस्तक का विमोचन इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश वेदा, प्रगतिशील लेखक संघ के झारखंड प्रदेश महासचिव डॉ मिथिलेश, झारखंड इप्टा के राज्य अध्यक्ष डॉ अरुण शुक्ला, मनीमय मुखर्जी, निसार अली, वर्षा आनंद ने संयुक्त रूप से किया।
इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव राकेश बेदा ने ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए कहा कि यह यात्रा प्रेम, भाईचारा और बंधुत्व के संदेशों को लेकर चल रही है। साथ ही स्वतंत्रता और न्याय के लिए जीवन समर्पित कर देने वाले साहित्यकार और स्वतंत्रता सेनानियों का स्मरण कराते हुए उनके संदेशों को आमजन तक पहुंचाने का कार्य कर रही है। सांस्कृतिक संध्या का आगाज युवा शायर अदनान काशिफ ने इकबाल की रचना लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी प्रस्तुत कर किया। इसके बाद इप्टा के कलाकारों ने सांस्कृतिक यात्रा का संदेश गीत ढाई आखर प्रेम के पढ़ने और पढ़ाने आए हैं, हम भारत में नफरत का हर दाग मिटाने आये हैं सहित कई जनवादी गीतों की प्रस्तुति की।