“परीक्षा पे चर्चा ” कार्यक्रम के दौरान जेएनवी में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कला प्रदर्शनी का आयोजन
लाइव पलामू न्यूज/मेदिनीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ विषय पर चर्चा की । ‘परीक्षा पे चर्चा’ का यह 5 वां संस्करण था। जिसे तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इसके लिए लगभग 15.7 लाख प्रतिभागियों रजिस्ट्रेशन कराया था। पिछले साल कोरोना संक्रमण के चलते यह प्रोग्राम वर्चुअली आयोजित किया गया था। इसके 5 वें एडिशन में शिक्षा मंत्री के साथ-साथ स्कूलों के प्रमुख भी शामिल हुए। पीएम मोदी ने परीक्षाओं को त्योहार की तरह मानने की बात कही।
इस कार्यक्रम को देखने के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय मेदिनीनगर के समस्त छात्र/छात्राएं, शिक्षक एवं अभिभावक भी उपस्थित थें । प्राचार्य मो. नईम ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इससे लाभान्वित हो सके इसलिए परिसर में स्थित राजकीय बालक बुनियादी विद्यालय एवं राजकीय उच्च विद्यालय (नवस्थापित जिला स्कूल) के छात्र/छात्राओं एवं शिक्षकों को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। इस विशेष अवसर पर विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कला प्रदर्शनी का आयोजन भी किया किया गया था। जिससे बच्चों की प्रतिभा को नया आयाम मिल सके।
छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह सभी सवालों को हल करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, लेकिन छात्रों के प्रश्नों के समाधान के लिए अलग-अलग चैनल बनाएंगे। पीएम मोदी ने कहा, “या तो वीडियो, ऑडियो, लिखित फैक्स या नमो ऐप के जरिए, मैं सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करूंगा ताकि कोई भी छात्र लंबे समय तक अपने संदेह के साथ न रहे।

पीएम मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के पांचवें संस्करण के दौरान कहा कि हम अक्सर ‘ध्यान’ और एकाग्रता को ऋषि-मुनि से जोड़ते हैं। हम सभी को अपने दैनिक जीवन में इसकी आवश्यकता होती है। यह हमें समय पर मौजूद रहना और काम पर ध्यान केंद्रित करना सिखाता है। छात्रों को कभी-कभी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। छात्रों को अपने दोस्तों के साथ कक्षा में जो कुछ भी सीखा है उसे दोहराने की आदत विकसित करनी चाहिए। इससे उन्हें एक साथ ज्ञान को अवशोषित करने में मदद मिलेगी।
माता-पिता भी कभी-कभी अपने बच्चों की ताकत और रुचियों को पहचानने में विफल हो जाते हैं। हमें यह समझना चाहिए कि हर बच्चे में कुछ ऐसा असाधारण होता है जिसे माता-पिता और शिक्षक कई बार खोजने में विफल रहते हैं। पीएम ने छात्रों को प्रेरणा देते हुए छात्रों को एक अनूठी गतिविधि का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने छात्रों को उस परीक्षा के लिए एक लेटर लिखने के लिए कहा जिसके लिए वे उपस्थित होंगे। उन्होंने कहा कि इस लेटर में परीक्षा को संबोधित करें। बताएं कि आपने कितनी तैयारी की है और जो मेहनत की है उसे शेयर करें। इससे आप ज्यादा आत्मविश्वासी महसूस करेंगे।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भर में स्किल काफी जरूरी हैं। उन्होंने कहा, “टेक्नोलॉजी अभिशाप नहीं है, इसका सही ढंग से इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आज छात्र वैदिक गणित के लिए 3डी प्रिंटर और ऐप चला रहे हैं। वे बहुत कुशल तरीके से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि परीक्षा के दौरान छात्र दहशत के माहौल से दूर रहें। दोस्तों की नकल करने की जरूरत नहीं है, बस जो कुछ भी आप पूरे आत्मविश्वास के साथ करते हैं उसे करते रहें और मुझे विश्वास है कि आप सभी त्योहार के मूड में अपनी परीक्षा दे पाएंगे।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं स्कूलों, शिक्षा विभागों और शिक्षकों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने का आग्रह करता हूं ताकि हमारे छात्र नीति का लाभ उठा सकें। परीक्षा हमारे जीवन का एक सहज हिस्सा है, हमारी विकास यात्रा में एक और मील का पत्थर है; आप पहली बार परीक्षा नहीं दे रहे हैं। इसलिए तनाव न लें। पीएम मोदी ने कहा, ‘सरकार कुछ भी करे तो कहीं न कहीं से तो विरोध का स्वर उठता ही है। लेकिन मेरे लिए खुशी की बात है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का हिंदुस्तान के हर तबके में पुरजोर स्वागत हुआ है। इसलिए इस काम को करने वाले सभी लोग अभिनंदन के अधिकारी हैं।’