Chatra News: समाहरणालय स्थित उपायुक्त कार्यालय कक्ष में उपायुक्त श्री रमेश घोलप की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय प्रायोजित राष्ट्रीय कृषि विकास योजनाअंतर्गत रेनफ़ेड एरिया डेवलपमेंट की बैठक की गई।
बैठक में अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी चतरा द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में केन्द्रीय प्रायोजित राष्ट्रीय कृषि विकास योजनाअंतर्गत रेनफ़ेड एरिया डेवलपमेंट योजनान्तर्गत कराये जाने वाले कार्यों के विभिन्न अवयव का विवरण प्रस्तुत किया गया। अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी चतरा द्वारा जिला मिशन समिति के सदस्यों के समक्ष वित्तीय वर्ष 2024-25 में केन्दीय प्रायोजित राष्ट्रीय कृषि विकास योजनाअंतर्गत रेनफ़ेड एरिया डेवलपमेंट उपयोजना से संबंधित राज्यादेश, आवंटनादेश तथा कृषि निदेशालय झारखंड, रॉची के आदेश के बारे में बताया गया।
अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी चतरा द्वारा बताया गया कि दिनांक 21 मार्च 2024 को मुख्य सचिव, झारखंड की अध्यक्षता में समेकित वार्षिक कार्य योजना के स्वीकृति हेतु राज्य स्तरीय संचालन समिति (एसएलएससी) की बैठक की गयी जिसमें प्रस्ताव संख्या 3बी के तहत रेनफ़ेड एरिया डेवलपमेंट (आरएडी) की स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही निदेश दिया गया कि रेनफ़ेड एरिया डेवलपमेंट (आरएडी) योजनान्तर्गत पशुपालन, गव्य, उद्यान, सिंचाई एवं मत्स्य के कार्यो के साथ कड़ी स्थापित कर अभिसरण ( Linkage & Convergence) करते हुए कलस्टर को प्रभावशाली बनाया जाय ।
योजना का क्रियान्वयन हेतु एसएलएससी की बैठक में चतरा जिले के ग्राम-गेरी, अंबादोहर, पंचायत – आरा, प्रखण्ड – चतरा तथा ग्राम-पांती, लरसर, पंचायत–उरैली, प्रखण्ड – हंटरगंज को संकुल के रूप में चयन किया गया। भारत सरकार द्वारा रेनफ़ेड एरिया डेवलपमेंट (आरएडी) योजना के कार्यान्वयन हेतु मार्गदर्शिका निर्गत किया गया है, जिसके आलोक में योजना के कार्यान्वयन हेतु वार्षिक कार्य योजना में भौतिक लक्ष्य प्रस्तुत की गई यथा चतरा एवं हंटरगंज प्रखण्ड क्षेत्र में 375 हेक्टेयर में योजना के क्रियान्वयन हेतु लक्ष्य आवंटित है। उपायुक्त ने गंभीरता से अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को सुन कर निर्देशित करते हुए कहा समेकित कृषि प्रणाली, मधुमक्खी पालन, बर्मा बेड (एच डी पी ई) अवयव करें।
क्या है राष्ट्रीय कृषि विकास योजना व रेनफ़ेड एरिया डेवलपमेंट:-रेनफ़ेड एरिया डेवलपमेंट यानी वर्षा आधारित क्षेत्र विकास (आरएडी) योजना, वर्षा आधारित क्षेत्रों के विकास के लिए शुरू की गई एक योजना है. इस योजना को साल 2014-15 में शुरू किया गया था। इस योजना का मकसद, क्षेत्र आधारित दृष्टिकोण को अपनाकर उत्पादकता बढ़ाना और जलवायु परिवर्तन से जुड़े जोखिमों को कम करना है. इसके लिए, एकीकृत कृषि प्रणाली (आईएफ़एस) पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) को कृषि और सहकारिता विभाग (डीएसी), कृषि मंत्रालय, भारत सरकार ने 2007-08 में शुरू किया था. इसका मकसद, कृषि क्षेत्र में वार्षिक वृद्धि दर को बढ़ाना और कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है. इस योजना के तहत, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा दिया जाता है।
उक्त बैठक में अपर समाहर्ता चतरा अरविंद कुमार, वन प्रमंडल पदाधिकारी उत्तरी, वन प्रमंडल पदाधिकारी दक्षिणी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, परियोजना निदेशक आत्मा समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी कर्मी उपस्थित थे।