Bishnugarh News: झारखंड के प्रवासी कामगारों का फिर से विदेश में फंसने मामला सामने आया है। इस बार झारखंड के 47 कामगार अफ्रीका के कैमरून में फंस गए हैं। इनमें हजारीबाग, गिरिडीह तथा बोकारो जिले के कामगार शामिल हैं। 47 कामगारों में 31 हजारीबाग जिला के विष्णुगढ़, 13 बोकारो तथा 2 कामगार गिरिडीह जिला के हैं। सभी ने कैमरून से सोशल मीडिया में विडियो जारी कर केन्द्र व राज्य सरकार से वतन वापसी कराने की गुहार लगाई है।
कामगारों ने कहा है कि वे सभी ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कंपनी में एक एग्रीमेंट के तहत ट्रांसमिशन लाइन का काम कर रहे थे। कुछ दिनों तक सबकुछ सामान्य रहा। इधर, बीते चार माह से कंपनी द्वारा मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है। कंपनी जरूरी सुविधाएं भी मुहैया नहीं करा रही है। तबियत बिगड़ने पर इलाज में भी लापरवाही बरती जा रही है। स्वदेश वापसी के लिए पैसे भी नहीं है। घर-परिवार के लोग भी चिंतित हैं। काम के दौरान कामगार विष्णुगढ़ गोविन्दपुर के भुवनेश्वर महतो का हाथ कटने के बावजूद उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया है।
कामगारों ने सरकार से आग्रह करते चार माह की मजदूरी के साथ स्वदेश वापसी कराने की गुहार लगाई है। इधर, प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले जेबीकेएसएस के केंद्रीय संगठन मंत्री माही पटेल ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष और विदेश मंत्रालय को पत्राचार कर कैमरून में फंसे प्रवासी कामगारों की स्वदेश वापसी कराने में मदद की मांग की है। सिकंदर अली ने कहा है कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अभाव में युवा पलायन को मजबूर हैं। जिसके कारण आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। सरकार को कामगारों का पलायन रोकने के लिए रोजगार की व्यवस्था करने की जरूरत है।