चंदवारा प्रखंड के सरदारोडीह निवासी अजय साव ने अपने बंजर भूमि को अपनी लगन व मेहनत से उपजाऊ बनाकर जिले के लिए एक मिसाल स्थापित किया है। इन्होंने अपने पाँच एकड़ बंजर भूमि इसके अधिकांश क्षेत्र में पत्थर था इस जमीन पर दूसरे स्थान से मिट्टी लाकर इस खेती लायक बनाकर इस भूमि पर वर्षों से अजय साव टमाटर, गोभी, मिर्चा, नेनुआ, करेला, भिन्डी, पपीता, शिमला मिर्चा, बेगन, खीरा, गाजर, वीट, धान सहीत कई अन्य प्रकार की सब्जियां उपजाते हैं। जिससे प्रतिमा 50 से 60 हजार रुपए की आमदनी होती है।
अजय साव को कई बार जिला व प्रखंड स्तर पर बेहतर किसान के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है। इन्होंने अपने खेत में टपक विधि योजना प्लास्टिक मंचिग वैज्ञानिक पद्धति योजना से जैविक खेती करते हैं। कृषक अजय साव ने बताया कि सरकार द्वारा खेती करने के लिए वर्मी कंपोस्ट सेट मिला है। जिससे केंचुआ खाद तैयार होती है। उन्होंने बताया कि अपने जमीन पर मनरेगा योजना से 20 फीट के कुप निर्माण कराया गया है। वहीं सरकार की ओर से निजी जमीन पर मिनी कोल्ड स्टोर सोलर पंप भी मिला है। जिससे साल भर खेती में सिंचाई करते हैं। उन्होंने कहा कि खेती करने का प्रशिक्षण हैंडल रांची करनाल दिल्ली सोनीपत में कृषि विभाग की ओर से 2005 में प्रशिक्षण दिया गया वहीं से खेती करने की प्रेरणा मिली थी।
उन्होंने बताया कि मैं पूरे वैज्ञानिक तरीके से खेती करते हैं। खेती में केचुआ खाद नीम खली व करौज खाली का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि खाद का इस्तेमाल हम अपने खेती में बहुत कम मात्रा में करते हैं। ताकि लोगों को सब्जी खाने में किसी तरह का नुकसान नहीं हो उन्होंने बताया कि 10 परिवार खेती का काम करते हैं जिससे महीने में 50 से 60 हजार रुपए कमा लेते हैं। दिनभर सब्जी तोड़कर सुबह मे प्रतिदिन बाजार में होलसेल में बेच देते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी किसान अगर मन में ठान ले की हमें खेती से अच्छी खासी आमदनी करना है तो वह कर सकते है। कोई जरूरी नहीं है कि उसे सरकारी लाभ मिले तभी वह इस काम को सफल कर सकते हैं।