Thursday, June 26, 2025
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Bhuvaneshwar Mehta : झारखंड में जल जमीन और जंगल की लूट मची हुई

  • 21 जनवरी को राँची के प्रेस कल्ब में विस्थापन से जुड़े दलों एवं संगठनों के नेताओं की होगी बैठक

हजारीबाग। झारखण्ड में जल, जमीन, जंगल की लूट मची हुई है। केवल हजारीबाग जिला में 25 हजार एकड़़ से अधिक गैर मजूरवा एवं वनभूमि की बन्दोवस्ती हुई है। एस०आई०टी० की जाँच एवं रिपोर्ट के बाद भी भु- माफिया एवं पदाधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

उक्त बातें पूर्व सांसद एवं झारखण्ड राज्य विस्थापित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष भुवनेश्वर प्रसाद मेहता Bhuvaneshwar Mehta ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने मिडिया से मुखातिब होकर कहा कि 23 लाख हेक्टर जमीन को भूमि बैंक में डालने से लाखों किसान का रसीद कटना बन्द हो गया है। कल-कारखानों, खनन एवं पथ में अधिग्रहण किए जा रहे गैर मजूरवा जमीन जिसका बन्दोवस्ती है, घर और खेत बना हुआ है उसका मुआवजा का भुगतान नहीं होता है। 22 अप्रील 2023 से चतरा जिला के सिमरिया में किसानों का धरना सिंहपुर, कठौतिया रेलवे लाइन एवं भारत माला रोड के मुआवजा के भुगतान हेतु धरना दे रहे हैं।

इसी प्रकार का बड़कागाँव के गोन्दलपुरा के गोन्दलपुरा कोल ब्लॉक जो अंडानी को मिला है रद्द करने हेतु 12 अप्रील 2023 से धरना पर बैठे हैं। दुख की बात है कि 21 महीना से बैठे लगातार में भी झारखण्ड के मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव, आयुक्त एवं उपायुक्त को पत्र लिखा हजारों की संख्या में जिला मुख्यालय, हजारीबाग और चतरा तथा राज्य मुख्यालय में धरना दिया किसी ने संज्ञान नहीं लिया। बड़कागाँव में पकरीबरवाडीह, चट्टी बरियातु एवं केरेडारी में एन०टी०पी०सी० का खनन कार्य चालू हैं। विस्थापितों को कुछ लोगों को नौकरी मिला है उन्हें उचित मजदूरी नहीं मिलता। पकरीबरवाडीह का कार्य त्रिवेणी एवं सैनिक कम्पनी को मिला है। कोयला उत्खनन से प्रदूषण से लोग तंग और तबाह है।

पकरीबरवाडीह के सैकड़ों एकड़ वन की भूमि में खनन कार्य किया, जो आज भी चल रहा है। नदी, नाला को खत्म कर खनन का काम किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। वन विभाग एवं प्रशासन के लोग मिले हुए है।

श्री मेहता ने कहा कि इन तमाम मुद्दों को लेकर 21 जनवरी को राँची के प्रेस कल्ब में विस्थापन से जुड़े दलों एवं संगठनों के नेताओं की बैठक होगी जिसके दिल्ली के सिमाना के तर्ज पर झारखण्ड राज्य विस्थापित संघर्ष मोर्चा और किसान तथा विस्थापन के विरुद्ध लड़ रहे संगठन रणनीति तैयार करेंगे।

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