हजारीबाग: भारत के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद Dr. Rajendra Prasad की 140 वीं जयंती एवं “राष्ट्रीय अधिवक्ता दिवस” पर डॉ राजेंद्र प्रसाद फाउंडेशन के बैनर तले कुलपति आवास के समीप डॉ राजेंद्र प्रसाद के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।“ यह कार्यकम समाजसेवी अनुपम सिन्हा एवं फाउंडेशन की टीम के नेतृत्व में आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने राजेंद्र बाबू की शालीनता और सादगी को याद कर लोगों को उसका अनुशरण करने की अपील की।
झारखंड सरकार में गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि समाज को एक होना होगा, हम लोग एक नही इसलिए तो आज किसकी भी राजनैतिक पार्टी कायस्थ समाज को स्थान नही देती है और न ही टिकट दे रही है।
कायस्थ समाज राष्ट्रवादी होने के कर्म देश के लिए सोचता आया है और देश हित मे तत्पर रहेगा पर राजनीतिक पार्टियों को भी कायस्थ समाज के लिए सोचना पड़ेगा।
सदर विधायक प्रदीप प्रसाद अपने संबोधन में डॉ. राजेंद्र प्रसाद से जुड़े कई संस्मरणों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि राजेंद्र बाबू के व्यक्तिव में बहुत ईमानदारी और सादगी थी। उनका चरित्र इतना साफ था कि वह 10 हजार रुपए की अपनी तनख्वाह से 7 हजार रुपए लोक कल्याण के लिए दान कर देते थे। संविधान बनाने के लिए 26 सदस्यों की जो कमिटी बनी थी उसके अध्यक्ष राजेंद्र बाबू थे। संविधान पर पहला हस्ताक्षर भी राजेंद्र बाबू का ही था। राजेंद्र बाबू देश के महान विभूति थे। आज देश को ऐसे नेताओं की जरूरत है।
जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में उप विकास आयुक्त मो. इश्तियाक अहमद ने प्रतिमा में माल्यार्पण करने के उपरांत कहा कि ऐसे संत व्यक्ति के माल्यार्पण करने से सफलता हासिल होती है। इसलिए इनके कार्यो का अनुसरण कर जीवन को सफल बनाया जा सकता है।
इस अवसर पे माल्यार्पण करने वालो में निदेशक, डीआरडीए, प्राचार्य, एमिटी लॉ कॉले के प्रो. सान्याल, प्रो. सुकल्याण, प्रो. मृत्युंजय, वरिष्ठ नेता हर्ष अजमेरा, डॉक्टर रमेश सिंह, भैया बनके बिहारी, ज्ञान प्रकाश, संजीव सिन्हा बॉबी, दीप प्रकाश, अनुज सिन्हा, बिट्टू बाबा, प्रभात प्रधान, राज प्रकाश, प्रो. अरविंद जी सहाय, रीता लाल, शोभा सहाय, सुधा वर्मा, बटेश्वर मेहता, भाजपा के सुमन पप्पू, बिनोद सिंह, इंदर कुशवाहा, कांग्रेस के बिनोद कुशवाहा, कृष्णा किशोर प्रसाद निशांत खंडेलवाल के साथ कई प्रबुद्ध जन मौजूद थे।