नेहरू युवा केन्द्र द्वारा महिला सशक्तिकरण को लेकर दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का हुआ आयोजन।।
मेदिनीनगर: 05 और 06 जुलाई को नेहरू युवा केंद्र पलामू के द्वारा महिला सशक्तिकरण को लेकर दो दिवसीय ऑनलाइन वर्चुअल ट्रेनिंग सत्र चलाया जा रहा है, जिसके अनुरूप सोमवार को प्रथम दिन की ऑनलाइन कार्यशाला सम्पन्न हुई। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में यूएनभी इंडिया कोर्डीनेटर अरुण सहदेव, एनवाईके झारखण्ड डायरेक्टर विजय कुमार, राष्ट्रीय प्रोजेक्ट मैनेजर यूएनभी देबाजिनी समान्त्रय, यूएनभी शिप्रा गुप्ता, मंजूला जोश स्किल ट्रेनर एनवाईके डीवाईओ पलामू पवन कुमार मौजूद थे।

आज पहले दिन के सत्र में वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखी साथ पलामू जिला से जुड़े सभी स्वयंसेवकों और प्रतिभागियों से वाद-संवाद महिला सशक्तिकरण को लेकर की। सभी प्रतिभागियों को विडियो क्लिप, फोटोग्राफ के माध्यम से यह समझाने का प्रयास किया गया है महिला अबला नहीं है, महिलाएं पुरुषों की तुलना में हर कार्य करने के लिए सबल है।

वहीँ वक्ताओं ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की बात समाज में रह-रहकर उठती रही है। महिला सशक्तिकरण का अर्थ कुछ इस प्रकार लगाया जाता है कि जैसे महिलाओं को किसी वर्ग विशेषकर पुरूष वर्ग का सामना करने के लिए सुदृढ किया जा रहा है। भारतीय समाज में प्राचीनकाल से ही नारी को पुरूष के समान अधिकार प्रदान किये गये हैं।

उसे अपने जीवन की गरिमा को सुरक्षित रखने और सम्मानित जीवन जीने का पूर्ण अधिकार प्रदान किया गया। यहां तक कि शिक्षा और ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में भी महिलाओं को अपनी प्रतिभा को निखारने और मुखरित करने की पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की गयी। महाभारत काल के पश्चात नारी की इस स्थिति में गिरावट आयी।

उससे शिक्षा का मौलिक अधिकार छीन लिया गया। धीरे धीरे शूद्र गंवार, पशु और नारी को ताडऩे के समान स्तर पर रखने की स्थिति तक हम आ गये। जबकि शूद्र, गंवार पशु और नारी ये प्रताडऩा के नही अपितु ये तारन के अधिकारी है। इनका कल्याण होना चाहिए। जिसके लिए पुरूष समाज को विशेष रक्षोपाय करनी चाहिए।
